आधुनिक युग में, जहां तर्क और प्रमाण का बोलबाला है, इन्हें वास्तविकता की कसौटी पर खरा नहीं मानकर मजाक का विषय बना दिया गया है। यह लेख इस बात की गहराई से विवेचना करेगा कि इन मिथकों का वास्तविक अर्थ क्या है और इन्हें आज के परिप्रेक्ष्य में कैसे समझाया जाए।
Category: धार्मिक ग्रंथ
शिव पञ्चाक्षर स्तोत्र: अर्थ और महत्व
Views: 24 शिव पञ्चाक्षर स्तोत्र (Shiv Panchakshar Stotra) संस्कृत में रचित एक महत्वपूर्ण और प्रतिष्ठित स्तोत्र है, जिसका गहरा संबंध भगवान शिव से है। यह स्तोत्र भगवान शिव की महिमा का गुणगान करता है और इसमें शिव के पवित्र पांच अक्षरों – “न”, “म”, “शि”, “वा”, और “य” की प्रमुखता दी गई है। प्रत्येक अक्षर विशेष रूप से भगवान शिव …