आधुनिक युग में, जहां तर्क और प्रमाण का बोलबाला है, इन्हें वास्तविकता की कसौटी पर खरा नहीं मानकर मजाक का विषय बना दिया गया है। यह लेख इस बात की गहराई से विवेचना करेगा कि इन मिथकों का वास्तविक अर्थ क्या है और इन्हें आज के परिप्रेक्ष्य में कैसे समझाया जाए।
सनातन धर्म: मिथकों का यथार्थ और आधुनिक युग में उनकी प्रासंगिकता
