Views: 38 कभी राम बनके कभी श्याम बनके प्रभु जी चले आना.. यह भजन एक भक्त की गहरी प्रार्थना को प्रकट करता है, जिसमें वह ईश्वर को उनके विभिन्न दिव्य रूपों में आने का निवेदन करता है। भगवान राम, कृष्ण (श्याम), शिव, विष्णु, और गणपति को उनके प्रतीकात्मक गुणों और उनकी संगिनी के साथ आमंत्रित करते हुए यह भजन भक्ति …
Month: December 2024
वसुधैव कुटुम्बकम और भारत की धार्मिक सहिष्णुता

Views: 17 वसुधैव कुटुम्बकम एक महत्वपूर्ण सिद्धांत है, जिसका अर्थ है “पूरी पृथ्वी एक परिवार है”। यह विचार प्राचीन भारतीय दर्शन का हिस्सा है, जो न केवल मानवता की एकता को दर्शाता है बल्कि विभिन्न संस्कृतियों, धर्मों और विचारधाराओं के बीच सामंजस्य की भावना भी पैदा करता है। इस सिद्धांत का मुख्य उद्देश्य सभी मानवों के बीच सद्भाव और संवाद …
सनातन धर्म: मिथकों का यथार्थ और आधुनिक युग में उनकी प्रासंगिकता

आधुनिक युग में, जहां तर्क और प्रमाण का बोलबाला है, इन्हें वास्तविकता की कसौटी पर खरा नहीं मानकर मजाक का विषय बना दिया गया है। यह लेख इस बात की गहराई से विवेचना करेगा कि इन मिथकों का वास्तविक अर्थ क्या है और इन्हें आज के परिप्रेक्ष्य में कैसे समझाया जाए।